Chalti Ka Naam Zindagi
अपना नहीं पर अपना लगे जाने कैसा ये राज़ है
हस्ते है लब रोता है दिल
जीने का ये भी अंदाज़ है
गिरती सम्भालती झूमती मस्ती का नाम जिंदगी है
गम और ख़ुशी के बिच में
चलती का नाम जिंदगी है
क्या है गलत क्या है सही
कैसा नशा ये कैसा गरूर
जोशे जूनून रिश्ते खून
कोई बताये कैसे हु दूर
जानी अनजानी भूल की गलती का नाम जिंदगी है
गम और ख़ुशी के बिच में
चलती का नाम जिंदगी है
लड़ते है क्यों आपस में हम
नादानी है ये दीवानापन
सोहरत रहे ना दौलत रहेगी
जायेंगे सब ही ओढ़े कफ़न
पतझड़ में और बहार में
खिलती का नाम जिंदगी है
गम और ख़ुशी के बिच में
चलती का नाम जिंदगी है