De Daru

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

सावन का मस्त महीना हैं
सावन का मस्त महीना हैं
क्या सागर हैं क्या मीना हैं
ये पीना भी कोई पीना हैं
पीना हैं पीना हैं पीना हैं
तो मुंह से लगाके बोतल पीने दे दारु
दे दारु दे दारु ओ मेरे भैया रे दे दारु
दे दारु दे दारु
मुंह से लगाके बोतल से पीने दे दारु
अरे बड़े दिनों के बाद मिली हैं ये दारु
हाय हाय
दे दारु दे दारु
बड़े दिनों के बाद मिली हैं ये दारु
अरे होश रहे ना बाकी साक़ी दे दारु
दे दारु दे दारु
ओ मेरे भैया दे दारु
दे दारु दे दारु
बैजू भैया की
जय
जब दारू अंदर जाएगी
अ हा
जब दारू अंदर जाएगी
गल सच्ची बहार आएगी
ये अंदर बाहर होने दो
हमें हंसने दो हमें रोने दो
हमें हंसने दो हमें रोने दो

सब भेद भरम भरम
सब भेद भरम खुल जाएंगे
सब काँटे पे तुल जाएंगे
सब भेद भरम खुल जाएंगे
सब काँटे पे तुल जाएंगे
हम बुरे सही पर अच्छे हैं
क्योंकि हम दिल के सच्चे हैं
सच्चे हैं सच्चे हैं सच्चे हैं
अरे झूठ कहें तो जान हमारी ले दारु
ले दारु ले दारु
अरे बड़े दिनों के बाद मिली हैं ये दारु
दे दारु दे दारु ओ मेरे भैया दे दारु
जॉनी भैया की
जय

लाला लाला लाला लाला लाला लाला लाला लाला लाला
One पेग two पेग three पेग four पेग
Four पेग three पेग two पेग one पेग
बी बाब बी बी बाब
हम पीकर होश में आए हैं
हाँ अब हम जोश में आए हैं
पानी में आग मिलाइ हैं
कुछ गर्मी खून में आई हैं

मस्ती सर चढ़के बोलेगी
हरी ओम
अब गोरी घूँघट खोलेगी
अइया अम्मा
मस्ती सर चढ़के बोलेगी
अब गोरी घूँघट खोलेगी
वो हाथ किसी को पड़े नहीं
हम बड़े दिनों से लड़े नहीं
अरे लड़े नहीं..लड़े नहीं..लड़े नहीं
अरे आज किसी को मारेंगे पी के दे दारु
दे दारु दे दारु
अरे बड़े दिनों के बाद मिली हैं ये दारु
दे दारु दे दारु ओ मेरे भैया दे दारु

साहेब, ओह साहेब
पंछी पिंजरे से छूट गये
सब अपने वादे टूट गये
लो साहेब हमसे रूठ गये

ह्म ह्म ह्म ह्म आ आ आ आ हा हा पा हहा
सा ग म प ध प ध प ध प ग प म प प म ग म प म ग रे ग म ग ग रे सा रे ग

कुछ ऐसे यहाँ पर बंदे हैं
कुछ ऐसे यहाँ पर बंदे हैं
मुँह गोरा मुँह गोरा
मुँह गोरा काले धंधे हैं
कुछ ऐसे यहाँ पर बंदे हैं
गैरों से सौदा करते हैं
अपनो से धोखा करते हैं
दुश्मन के खिदमतगारों जो
इस देश के सब ग़दारो को
दुश्मन के खिदमतगारों जो
इस देश के सब ग़दारो को
हम ऐसा सबक सिखाएँगे
वो हमको भूल ना पाएँगे
पाएँगे, पाएँगे, पाएँगे

अरे देता जा, देता जा दारु पे दारु
दे दारु, दे दारु
अरे बड़े दिनों के बाद मिली हैं ये दारु
दे दारु, दे दारु
ओ मेरे भैया दे दारु
दे दारु, दे दारु
ओ मेरे भैया दे दारु
ना ना ना ना दूं ना ना दूं ना ना ना ना ना ना ना दूं ना ना दूं ना ना ना धिन नि धी नि ता ना दूं ना ना ना ना(दे दारु दे दारु दे दारु)
किट्टम किट्टू जी की जय(दे दारु दे दारु दे दारु)
दे दारु, दे दारु(दे दारु दे दारु दे दारु)
ओ मेरे किट्टम दारु(दे दारु दे दारु दे दारु)
अरे दे दारु, दे दारु(दे दारु दे दारु दे दारु)
कीट कीट की सा रे ग म प कीट कीट प म ग रे सा कीटम कीटम कीटम सा ग म प कीटन कीटन ग म ग रे सा ना ना गी टा गी ता धा ता धा ता था थानाना मामा चाचा कालू चालू मारू कारू(दे दारु दे दारु दे दारु)
किट्टम किट्टू जी की ह्म ह्म

Wissenswertes über das Lied De Daru von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “De Daru” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “De Daru” von Kishore Kumar wurde von ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA komponiert.

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