Dil Machal Raha Hai

Gulshan Bawra

दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है
दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है
दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है
आग दिल में लगी
तो बुझा दे ना
अभी समां नहीं है
रंग जमा नहीं है
अभी समां नहीं है
रंग जमा नहीं है
चार दिन और यु
ही बिता देना
दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है
दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है

यह बेरुखी कैसी
हैं चार दिन
इस ज़िंदगी के
दो दिन जवानी
के हैं वह तोह
आ जा ना मिल
के बिताये सनम

यह दिल्लगी छोडो
कोई हमें अगर
देख लेगा तोह
डर है की दुनिया
की नजरों में
ऐसे ही रुसवा
ना हो जाये हम

क्या करेगी दुनिया
जल मारेगी दुनिया
क्या करेगी दुनिया
जल मारेगी दुनिया
तू जलं मेरे
दिल की मिटा देना

अभी समां नहीं है
रंग जमा नहीं है
अभी समां नहीं है
रंग जमा नहीं है
चार दिन और यु
ही बिता देना

दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है
दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है

आउंगी डोली में सजधज
के जब घर
पिया के कभी
तोह कर लेना
जी भर के पुरे
तू अरमाँ जानेजां
दिल के सभी

देखो यह
तन्हाई जो हमें
फिर मिलेगी
तो लग जा गले से
उठा है मुहब्बत
का तूफ़ान दिल में अभी

तो मान जा सैया
अब्ब छोड़ दे बैंया
तो मान जा सैया
अब्ब छोड़ दे बैंया
जागे अरमान अभी
तोह सुला दे ना

दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है
दिल मचल रहा है
रंग बदल रहा है
आग दिल में लगी
तो बुझा दे ना
दिल मचल रहा है
अभी समां नहीं है
रंग बदल रहा है
रंग जमा नहीं है
दिल मचल रहा है
अभी समां नहीं है

Wissenswertes über das Lied Dil Machal Raha Hai von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “Dil Machal Raha Hai” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Dil Machal Raha Hai” von Kishore Kumar wurde von Gulshan Bawra komponiert.

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