Ek Chatur Naar Karke Sringar

R D Burman, Rajinder Krishnan

तेरे रे ने ने ओ..
एक चतुर नार कर के सिंगार
एक चतुर नार कर के सिंगार
मेरे मन के द्वार ये घुसत जात
हम मरत जात अरे हे हे हे..
चतुर नार कर के सिंगार
बरसा
ग ग ग नी नी सा..
चतुर नार कर के सिंगार
उम धाम अय्यो ऐय धाम का अरे धाम धाम
धाम धाम
हम्म ब्रुम..हम्म ब्रुम..
हम्म आ..आ..ए ए इ उ ए अई ओ अम अह
हम नम नम नम नम नम नम नम
हम्म बोलो बोलो बोलो बोलो रे
बोलो बोलो बोलो बोलो रे
बोलो बोलो बोलो बोलो रे
एक चतुर नार बड़ी होशियार
एक चतुर नार बड़ी होशियार
अपने ही जाल में फँसत जात
हम हँसत जात अरे हं हं हं हं हं
एक चतुर नार बड़ी होशियार

तू क्यूँ छी रे
तू क्यूँ गोरी ध्यान धरे
करे लाख लाख दुनिया चतुराई
छुट्टी कर दूँगा मैं उसकी
अबके जो आवाज़ लगाईं
छुट्टी कर दूँगा आ आ आ..
तात जम ताका जम ताका नम ताका रम
ताक धिन तान तेरे ताक तेरे केटे तक..
तात जम ताका जम ताका नम ताका रम
ताक धिन तान तेरे ताक तेरे केटे तक..

बढ़ के बुतन चिर बी चक्कर
बढ़ के बुतन चिर बी चक्कर
हर बुड़ खुदी काचु कुचकाये
हर बुड़ खुदी काचु कुचकाये
छिछके छोरेर मोन मोज कर
छिछके छोरेर मोन मोज कर
सब चले गए सब चले गए
चिदमुध चितिन्ग चितुबुद
चितुबुद गाय चितुबुद गाय चितुबुद हाय हाय हाय

जा रे जा रे करे कागा का का का
क्यों शोर मचाये
उस नारी का दास न बन जो
राह चलत को राह भुलाए
काला रे काला रे जा रे जा रे
कारे नाले में जा के तू मुँह धो के आ
काला रे का रे गा रे
ये गड़बड़ जी
ओ गा रे गा रे
ये सुर बदला
ओ गा रे गा रे
ये हमको भटका दिया
ओ गा रे गा रे
ये सुर किधर है जी ये सुर ये एन्नाया इधु

येक चतुर नार
हम छोड़ेगा नहीं जी
येक चतुर नार
हम पकड़ के रखेगा जी
मेरे मन के द्वार ये घुसत जात
हम मरत जात अरे हे हे हे..
एक चतुर नार कर के सिंगार

नाच न जाने आंगन टेढ़ा
तू क्या जाने क्या है नारी
जिस तन लागे मोरे नैना
उसपे सारी दुनिया वारी
नाच न जाने आंगन टेढ़ा
टेढ़ा टेढ़ा टेढ़ा टेढ़ा टेढ़ा
टेढ़ा टेढ़ा टेढ़ा टे
ओ टेढ़े ओय
ओ केड़े ओय आ
अरे सीधे हो जा रे सीधे हो जा रे सीधे हो जा
वाह री चंदनिया वाह रे चकोरे
राम बनाई ये कैसी जोड़ी
करे नचैय्या ता ता थैय्या
ताल पे नाचे लंगड़ी घोड़ी
अरे देखी
अरे देखी तेरी चतुराई
ये फिर गड़बड़
अरे देखी तेरी चतुराई
फिर भटकाया
तुझे सुर की समझ नहीं आई
तुने कोरी घास ही खाई
अरे घोड़े
ये घोड़ा बोला
ओ निगोड़े
ये गाली दिया
अरे देखी तेरी चतुराई
येक चतुर नार
घोड़े देखी तेरी चतुराई
एक चतुर नार
घोड़े देखी तेरी चतुराई
एक चतुर नार कर के
एक चतुर नार कर के
घोड़े देखि तेरी चतुराई
एक चतुर नार
अय्यो घोड़े तेरी
एक चतुर नार
अय्यो घोड़े तेरी
अय्यो घोड़े तेरी
अय्यो घोड़े तेरी
एक चतुर नार अय्यो घोड़े तेरी
एक चतुर..के घोड़ा
ये घोड़ा चतुर घोड़ा
ये क्या रे घोड़ा चतुर घोड़ा चतुर बोला
येक पे रेहना
या घोड़ा बोलो या चतुर बोलना गा
एक चतुर नार कर के सिंगार
एक चतुर नार बड़ी होशियार
मेरे मन के द्वार ये घुसत जात
अपने ही जाल में फँसत जात
हम मरत जात अरे अई अई अई अई
एक चतुर नार बड़ी होशियार
कर के सिंगार अपने ही जाल
मेरे मन के द्वार अरे फँसत जात
ये घुसत जात हम हँसत जात
हम मरत जात मरत जात मरत जात
ये अटक गया
सा रे गा मा
पा अय्यो
धा अय्यो
हे आ आ..हे हे

Wissenswertes über das Lied Ek Chatur Naar Karke Sringar von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “Ek Chatur Naar Karke Sringar” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Ek Chatur Naar Karke Sringar” von Kishore Kumar wurde von R D Burman, Rajinder Krishnan komponiert.

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