Hawa Pichhle Pahar

Jan Nishar Akhtar, O P Nayyar

हवा पिछले पहर
जब दूर शहनाई बजाती है

मुझे एक बार फिर अपनी मोहब्बत याद आती है
मुझे एक बार फिर अपनी मोहब्बत याद आती है
मुझे एक बार

चमकता एक तारा चाँद के पहलू में चलता है
मेरा सोया हुआ दिल एक करवट भी बदलता है
मुझे एक बार फिर अपनी मोहब्बत याद आती है
मुझे एक बार

मिला कर मुँह से मुँह साहिल से जब मौजे गुजरती है
मेरे सीने में मुद्दत की दबी चोटे उभरती है
मुझे एक बार फिर अपनी मोहब्बत याद आती है
मुझे एक बार

धड़कते दिल में फिर से प्यार के अरमान उठते है
चले आओ के दिल में सैकड़ो तूफान उठ ते है
अरे तूफान उठ ते है अरे तूफान उठ ते है

Wissenswertes über das Lied Hawa Pichhle Pahar von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “Hawa Pichhle Pahar” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Hawa Pichhle Pahar” von Kishore Kumar wurde von Jan Nishar Akhtar, O P Nayyar komponiert.

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