Hum Jab Honge Saath Saal Ke

Shankar-Jaikishan, Shailey Shailendra

क्या
हम जब होगे साथ साल के
और तुम होगी पचपन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना
तब भी अपने बचपन की
क्या क्या क्या हम्म बहहहह हम्म
हम जब होगे साथ साल
के और तुम होगी पचपन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना
तब भी अपने बचपन की
हम जब होगे साथ साल के
और तुम होगी पचपन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना
तब भी अपने बचपन की
तुम जब होगे साथ साल के
और मई हूँगी पचपन की
प्रीत की ज्योत जलाओगी मई
तब भी अपने बचपन की

हाँ बाहों का सहारा हो
जब लकड़ी क्यों हम टेकेंगे
आँख भले धुंधली हो
जाए दिल की नज़र से देखेंगे
हाँ बाहों का सहारा हो
जब लकड़ी क्यों हम टेकेंगे
आँख भले धुंधली हो
जाए दिल की नज़र से देखेंगे
आँखों में तुम
यूँ ही देखना
आँखों में तुम
यूँ ही देखना क्या
है ज़रूरत दरपन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना
तब भी अपने बचपन की
तुम जब होगे साथ साल के
और मई हूँगी पचपन की
प्रीत की ज्योत जलाओगी मै तब
भी अपने बचपन की

रूप की ये मस्तानी धुन
एक दिन तो ढल जाएगी
और क़िस्मत भी चहरे पे
समय का रंग मिल जाएगी
हाँ रूप की ये मस्तानी धुन
एक दिन तो ढल जाएगी
और क़िस्मत भी चहरे पे
समय का रंग मिल जाएगी
तुम तब कहीं बदल ना जाना
तुम तब कहीं बदल ना जाना
कसम तुम्हे इस धडकन की
बोलो प्रीत निभाओगे ना
तब भी अपने बचपन की

हाँ थड़ी में तुम स्वेटर बोना
हम लकड़ी चुन लाएगे
बच्चो के सैग बच्चे बन
कर हम दोनों तुतलायेगे
हाँ
थड़ी में तुम स्वेटर बोना
हम लकड़ी चुन लाएगे
बच्चो के सैग बच्चे
बन कर हम दोनों तुतलायेगे
मिलजुल कर हम साथ रहेंगे
मिलजुल कर हम साथ रहेंगे
बात न होगी अनबन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना
तब भी अपने बचपन की
तुम जब होगे साथ साल के
और मई हूँगी पचपन की
प्रीत की ज्योत जलाओगी मई
तब भी अपने बचपन की
हम जब होगे साथ साल के
और तुम होगी पचपन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना
तब भी अपने बचपन की
ल ल ला ला ला ला ला ला ला

Wissenswertes über das Lied Hum Jab Honge Saath Saal Ke von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “Hum Jab Honge Saath Saal Ke” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Hum Jab Honge Saath Saal Ke” von Kishore Kumar wurde von Shankar-Jaikishan, Shailey Shailendra komponiert.

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