Kaun Raha Hai Kaun Rahega
ANANDJI KALYANJI, M G Hashmat, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH, M. G. HASHMAT
कौन रहा है कौन रहेगा
कौन रहा है कौन रहेगा
किसका यहाँ है ठिकाना
हर कोई जाने छोड़ के सब कुछ
होगा एक दिन जाना
फिर क्यों मुर्ख ना जाने क्यों
फिर क्यों मुर्ख ना जाने क्यों
तुझको समज न आयी रे आयी
चंचल मन
अरे चंचल मन तेरी चतुराई
काम न आयी चंचल मन