Khule Khule Narm Narm

Usha Khanna, Asad Bhopali

खुले खुले नरम नरम गेसू
खुले खुले नरम नरम गेसू
फ़िज़ा में बिखरे तो खवाब जैसे
झुकी झुकी मस्त मस्त आँखे
बरस रही हो शराब जैसे
खुले खुले नरम नरम गेसू

हो ओ मेरे ख़्वाबों में था
बचपन से जो मुखड़ा
ओ मेरे सामने है अब
वही चाँद का टुकड़ा
जवा बदन में वो बांकपन है
खिले हो लखो गुलाब जैसे
खुले खुले नरम नरम गेसू

हो ओ होठों पे तबस्तुम
कभी दिल में हलचल
हो हो कई राज़ की बातें
कहे ढलका आँचल
सितम तो ये है के उस नज़र के
सवाल भी है जवाब जैसे
खुले खुले नरम नरम गेसू

हो ओ न वो उठकर जाये
न मैं नज़रे हतौ
ओ यही कहता है दिल
युही देखे जाऊ
घटाये छाते इ बे इरादा
ये कोई बेहिसाब जैसे
खुले खुले नरम नरम गेसू

Wissenswertes über das Lied Khule Khule Narm Narm von Kishore Kumar

Wann wurde das Lied “Khule Khule Narm Narm” von Kishore Kumar veröffentlicht?
Das Lied Khule Khule Narm Narm wurde im Jahr 2012, auf dem Album “Rare Kishore - Vol.2” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Khule Khule Narm Narm” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Khule Khule Narm Narm” von Kishore Kumar wurde von Usha Khanna, Asad Bhopali komponiert.

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