Matak Mere Cheeta

JAIKSHAN SHANKAR, MAJROOH SULTANPURI

मटक मेरे चीता
मटक मेरे चीता
मटक मेरे चीता
फिर हार के मैं जीता
तेरी राधा तेरी सीता
मिल गयी मुझे रे
मटक मेरे चीता
फिर हार के मैं जीता
तेरी राधा तेरी सीता
मिल गयी मुझे रे
हां हां हे हे
मटक मेरे चीता
फिर हार के मैं जीता
तेरी राधा तेरी सीता
मिल गयी मुझे रे
हे हे हां है

मेरे संग लहराके
दोल ऐसे बलखाके
रोख तही रह जाए लोग
लेके तुझको बाहो मे
यू चालू के राहो मे
देख तही रह जाए लोग
मेरे संग लहराके
दोल ऐसे बलखाके
रोख तही रह जाए लोग
लेके तुझको बाहो मे
यू चालू के राहो मे
देख तही रह जाए लोग
चल प्यारे किस्मत खुल
गयी मटक मेरे चीता
मटक मेरे चीता
फिर हार के मैं जीता
तेरी राधा तेरी सीता
मिल गयी मुझे रे
मटक मेरे चीता
फिर हार के मैं जीता
तेरी राधा तेरी सीता
मिल गयी मुझे रे (है हां हां हे हो हो )

ये रिवाज महलो का
रीत शहरोवलो की
मैं दीवाना क्या जानू रे
अब कोई भला माने
या कोई बुरा माने
मैं तो आज ना मानु रे
ये रिवाज महलो का
रीत शहरोवलो की
मैं दीवाना क्या जानू रे
अब कोई भला माने
या कोई बुरा माने
मैं तो आज ना मानु रे
मिल गयी मेरी दुनिया
मिल गयी मटक मेरे चीता
मटक मेरे चीता
फिर हार के मैं जीता
तेरी राधा तेरी सीता
मिल गयी मुझे रे
मटक मेरे चीता
फिर हार के मैं जीता
तेरी राधा तेरी सीता
मिल गयी मुझे रे
मटक मेरे चीता
फिर हार के मैं जीता
तेरी राधा तेरी सीता
मिल गयी मुझे रे

Wissenswertes über das Lied Matak Mere Cheeta von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “Matak Mere Cheeta” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Matak Mere Cheeta” von Kishore Kumar wurde von JAIKSHAN SHANKAR, MAJROOH SULTANPURI komponiert.

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