Mere Mehboob Qayamat Hogi

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

हे हे हे आ हां हां हां
मेरे महबूब क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरी नज़रें तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब

तेरी गली मैं आता सनम
नगमा वफ़ा का गाता सनम
तुझसे सुना ना जाता सनम
फिर आज इधर आया हूँ मगर
ये कहने मैं दीवाना
ख़त्म बस आज ये वहशत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब

मेरी तरह तू आहें भरे
तू भी किसी से प्यार करे
और रहे वो तुझसे परे
तूने ओ सनम ढायें हैं सितम
तो ये तू भूल न जाना
के ना तुझपे भी इनायत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरी नज़रें तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब

Wissenswertes über das Lied Mere Mehboob Qayamat Hogi von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “Mere Mehboob Qayamat Hogi” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Mere Mehboob Qayamat Hogi” von Kishore Kumar wurde von ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA komponiert.

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