Simti Si Sharmai Si [Kishore Lofi]
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो
कैसे जहाँ मे समाएगा
इतना हुस्न जो लाई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो
हीरा नज़र चांदी बदन
रेशम हंसी मुखड़ा चमन
कगाल हैं सारे हसी बस
एक तुम्ही रखती हो धन
लुटने का दर हैं घबराई हो
लुटने का दर हैं घबराई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो
जब तक तुम्हे देखा नहीं
ये दिल कभी धड़का नहिआये गये कितने सनम
मैंने मगर पूछा नहीं
तुम दिल की पहली अगड़ाई हो
तुम दिल की पहली अगड़ाई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो