Tera Chehra Mujhe Gulab Lage

ANU MALIK, JAIPURI HASRAT

तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
दिन को देखूं तो आफ़ताब लगे
शब को देखूं तो महताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

रोज़ मिलते हो पर नहीं मिलते
ऐसा मिलना भी मुझको ख्वाब लगे
रोज़ मिलते हो पर नहीं मिलते
ऐसा मिलना भी मुझको ख्वाब लगे
पढ़ता रहता हूँ तेरी सूरत को
तेरी सूरत मुझे किताब लगे
तेरी सूरत मुझे किताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

तेरी आँखों की मस्तियां तौबा
मुझको छलकी हुई शराब लगे
तेरी आँखों की मस्तियां तौबा
मुझको छलकी हुई शराब लगे
जब भी चमके घटा में बिजली
मुझको तेरा ही वो शबाब लगे
मुझको तेरा ही वो शबाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

तुझको देखूं तो किस तरह देखूं
रुख पे किरणों के सौ नक़ाब लगे
तुझको देखूं तो किस तरह देखूं
रुख पे किरणों के सौ नक़ाब लगे
प्यार शायद इसी को कहते हैं
एक मुझसे ही क्यूँ हिजाब लगे
एक मुझसे ही क्यूँ हिजाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
दिन को देखूं तो आफ़ताब लगे
शब को देखूं तो महताब लगे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
दोनो आलम में लाजवाब लगे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
शब को देखूं तो महताब लगे

Wissenswertes über das Lied Tera Chehra Mujhe Gulab Lage von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “Tera Chehra Mujhe Gulab Lage” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Tera Chehra Mujhe Gulab Lage” von Kishore Kumar wurde von ANU MALIK, JAIPURI HASRAT komponiert.

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