Tu Kahan Gayee Thi
तू कहाँ गई थी, तेरा मर जाए साँवरिया
तू कहाँ गई थी, तेरा मर जाए साँवरिया
चिड़िया जैसी उड़ती-फिरती क्या मस्तानी गुड़िया
तू कहाँ गई थी तेरा मर जाए साँवरिया
तू कहाँ गया था, तेरी मर जाए साजनिया
तू कहाँ गया था, तेरी मर जाए साजनिया
उल्टा चोर कुतवाल को डाँटे, हो गई कैसी दुनिया
तू कहाँ गया था
तेरी मर जाए साजनिया
कहाँ मैं गया था
तेरी मर जाए साजनिया
मैं तो गया था करने सैर चमन में
खड़ी थी वहाँ पे हाय एक हसीना, मस्ती भर के बदन में
मैं भी ज़रा फिर उसके गले से, लिपटा पागलपन में
आगे इसके कुछ भी नहीं, तू पड़ गई किस उलझन में
तो बाकी रहा क्या, यही सोचूँ मैं बावरिया
तू कहाँ गई थी तेरा मर जाए साँवरिया
कहाँ मैं गई थी
मैं तो गई थी करने सैर गली में
एक रंगीला मिल गया ऐसा, उसकी ओर चली मैं
पकड़ी जो उसने मेरी कलाई, क्या कहूँ कैसे खिली मैं
आगे इसके कुछ भी नहीं, तू पड़ गया किस उलझन में
तो बाक़ी रहा क्या, हो बोलो मेरी गुल-बदनिया
तू कहाँ गया था तेरा मर जाए साँवरिया
तेरी क़सम है, मैं तो गया था, प्यारी बातें करने
और क़सम है, मैं भी गई थी, तेरे ही पीछे मरने
आगे-पीछे कुछ भी नहीं, हम पड़ गए किस उलझन में
हम कहाँ गए थे
जाने है सारी नगरिया
तू कहाँ गया था तेरा मर जाए साँवरिया