Yeh Sham Mastan

R D BURMAN

ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए
ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए

दूर रहती है तू
मेरे पास आती नहीं
होठों पे तेरे कभी
प्यास आती नहीं
ऐसा लगे जैसे कि तू
हँसके ज़हर कोई पिए जाए
ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए

बात जब मैं करूँ
मुझे रोक देती है क्यों
तेरी मीठी नज़र मुझे
टोक देती है क्यों
तेरी हया तेरी शर्म
तेरी क़सम मेरे
होंठ सिये जाए
ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए

एक रूठी हुई तक़दीर जैसे कोई
खामोश ऐसे है
तू तस्वीर जैसे कोई
तेरी नज़र बनके
जुबां लेकिन तेरे
पैगाम दिए जाए
ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए
ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए.

Wissenswertes über das Lied Yeh Sham Mastan von Kishore Kumar

Wer hat das Lied “Yeh Sham Mastan” von Kishore Kumar komponiert?
Das Lied “Yeh Sham Mastan” von Kishore Kumar wurde von R D BURMAN komponiert.

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