Dhoop Paani Bahne De

Gulzar

अरे मुठ्ठी मुठ्ठी बोइदे
मुठ्ठी मुठ्ठी बोइदे
अरे मुठ्ठी मुठ्ठी बोइदे बीजा
अरे माटी मांगे बूटा
बोइदे रे भैया
अरे बूटा बूटा बोइदे उगाइदे
रे भैया

बूटा बूटा उगने दे रे
बूटा बूटा उगने दे
भूमि अपनी मांगे रे
मांगे उसके गहने रे
पत्ता पत्ता बूटा बूटा
जंगल जंगल रहने दे
जंगल मांगे धुप पानी
धुप पानी बहने दे

इन हरे पेड़ों की
डालिया कट गयी
कुछ पूजा में
कुछ शादियों में जल गयी
ओह हो कट गयी
छाओं में धुप भी पेड़ों की
जो बची डालियाँ वो सती हो गयी
जो गोद में लेकर चिता में
जल गयी मर गए मोर सब उड़ गए पंछी तेरे
मुझे आवाज देती हे हवाएं जंगलो की रे
मुझे दरियों का रोना सुनाई दे रहा है रे
कट गयी छाओं भी धुप भी पेड़ों की

खुश्क होने लग गयी है ये ज़मीन
चल हरे पेड़ों की छाओ बोएंगे
ओढ़ के ये ठंडा ठंडा आसमा
पेड़ के पत्ते बिछाकर सोयेंगे
फिर मुझे भूमि की बोली सुनने दे
उगने दे फिर बूटा बूटा उगने दे
दे दे रे भूमि के गहने देदे रे
उगने दे फिर बूटा बूटा उगने दे
दे दे रे भूमि के गहने देदे रे
दे दे रे भूमि के गहने देदे रे
मुझे आवाज़ देती है हवाएं
जंगलों की रे
मुझे दरियों का रोना सुनाई
दे रहा है रे
कट गयी छाओं भी
धुप भी पेड़ों की
कट गयी छाओं भी
धुप भी पेड़ों की

बूटा बूटा उगने दे रे
बूटा बूटा उगने दे
भूमि अपनी मांगे रे
मांगे उसके गहने रे
पत्ता पत्ता बूटा बूटा
जंगल जंगल रहने दे
जंगल मांगे धुप पानी
धुप पानी बहने दे

Wissenswertes über das Lied Dhoop Paani Bahne De von K.K.

Wer hat das Lied “Dhoop Paani Bahne De” von K.K. komponiert?
Das Lied “Dhoop Paani Bahne De” von K.K. wurde von Gulzar komponiert.

Beliebteste Lieder von K.K.

Andere Künstler von World music