Aa Mohabbat Ki Basti Basayenge Hum
आ मोहब्बत की बस्ती बसाएँगे हम
इस जमी से अलग आस्मा से दूर
मोहब्बत की बस्ती बसाएँगे हम
मैं हू धरती तू आकाश है ओ सनम
मैं हू धरती तू आकाश है ओ सनम
देख धरती से आकाश है कितनी दूर
तू कहा मै कहा यही मुझको गम
देख धरती से आकाश है कितनी दूर
दूर दुनिया से कोई नहीं है जहा
मिल रहे है वहा पर जमी आस्मा
मिल रहे है वहा पर जमी आस्मा
छुप के दुनिया से फिर क्यू ना मिल जाए हम
इस जमी से अलग आसमानो से दूर
मोहब्बत की बस्ती बसाएँगे हम
तेरे दामन तलक़ हम तो क्या आएँगे
तेरे दामन तलक़ हम तो क्या आएँगे
यू ही होठों को सहलाके रह जाएँगे
कोई अपना नही बे सहारे है हम
देख धरती से आकाश है कितनी दूर
धरती से आकाश है कितनी दूर