Aaj Pawan Ki Chaal Churake

Kulwant Jani

ओ हो ओ ओ ऊ ओ ओ
ओ हो ओ ओ ऊ ओ ओ
आज पवन की चाल चुरा के
आज पवन की चाल चुरा के
मै बद्रा के पंख लगा के
जी करता है उड़ उड़ जाउ
जी करता है उड़ उड़ जाउ
नील गगन को छू के आउ
आज पवन की चाल चुरा के
मै बद्रा के पंख लगा के

हा आ आ हो ओ ओ ओ हम्म
दो नैनो में अब तक वही सपना घूम रहा है
वही सपना घूम रहा है
एक अनजानी मस्ती में
मेरा तन मन झूम रहा है
मेरा तन मन झूम रहा है
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ

मस्त हवा के ठन्डे झोंके
पीड़ पराए सेह् न पाउ
आज पवन की चाल चुरा के
मै बद्रा के पंख लगा के

ये नदिया का पानी
वैसे तो आग बुझाए
वैसे तो आग बुझाए
पर आज मेरे सीने में
एक मीठी अगन लगाये
एक मीठी अगन लगाये
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
जल दर्पण में देख के मुखडा
अपने आप से मैं शर्माउ
आज पवन की चाल चुरा के

Wissenswertes über das Lied Aaj Pawan Ki Chaal Churake von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Aaj Pawan Ki Chaal Churake” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Aaj Pawan Ki Chaal Churake” von Lata Mangeshkar wurde von Kulwant Jani komponiert.

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