Aankh Se Door Na Ho

AHMED FARAZ, JAGJIT SINGH

आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा
आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जायेगा
आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा

इतना मानूस न हो ख़िल्वत-ए-ग़म से अपनी
इतना मानूस न हो ख़िल्वत-ए-ग़म से अपनी
तू कभी ख़ुद को भी देखेगा तो डर जायेगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जायेगा
आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा

तुम सर-ए-राह-ए-वफ़ा देखते रह जाओगे
तुम सर-ए-राह-ए-वफ़ा देखते रह जाओगे
और वो बाम-ए-रफ़ाक़त से उतर जायेगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जायेगा
आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा

ज़िन्दगी तेरी अता है तो ये जानेवाला
ज़िन्दगी तेरी अता है तो ये जानेवाला
तेरी बख़्शीश तेरी दहलीज़ पे धर जायेगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जायेगा
आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा

Wissenswertes über das Lied Aankh Se Door Na Ho von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Aankh Se Door Na Ho” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Aankh Se Door Na Ho” von Lata Mangeshkar wurde von AHMED FARAZ, JAGJIT SINGH komponiert.

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