Aap Chahen Mujhko [1]

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

आप चाहे मुझको
आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवा ऐसे तो हंसी भी नहीं
आपसे पड़े है कई राहों में
आपसे पड़े है कई राहों में
आप चाहे मुझको
आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवा ऐसे तो हंसी भी नहीं
आपसे पड़े है कई राहों में
आपसे पड़े है कई राहों में

हाय रे गरूर आपका
सूझे मुझे भी दिल्लगी
हो मै जो एक दिन तुम्हारी
बेतुकी अदा पे हंस पड़ी
तुम समझे में मरती हूँ तुमपे
तुम समझे में मरती हूँ तुमपे
आपकी समझ को क्या कहूँगी
आप चाहे मुझको आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवा ऐसे तो हंसी भी नहीं
आपसे पड़े है कई राहों में
आपसे पड़े है कई राहों में

हो तुम किस ख्याल में
अरे पूछते है सब यहाँ मुझे
ओ देखु सूरत तुम्हारी फुर्सत ही कहा मुझे
ये भी जानो एहसान मेरा
ये भी जानो एहसान मेरा
एक बार भी जो देख लूँ जी
आप चाहे मुझको आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवा ऐसे तो हंसी भी नहीं
आपसे पड़े है कई राहों में
आपसे पड़े है कई राहों में
आप चाहे मुझको आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवा ऐसे तो हंसी भी नहीं
आपसे पड़े है कई राहों में
आपसे पड़े है कई राहों में
आपसे पड़े है कई राहों में

Wissenswertes über das Lied Aap Chahen Mujhko [1] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Aap Chahen Mujhko [1]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Aap Chahen Mujhko [1]” von Lata Mangeshkar wurde von Majrooh Sultanpuri, R D Burman komponiert.

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