Agar Mujhse Mohabbat Hai [Revival]

Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan

अगर मुझसे मुहब्बत है
मुझे सब अपने ग़म दे दो
इन आँखों का हर इक आँसू
मुझे मेरी क़सम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है

तुम्हारे ग़म को अपना ग़म बना लूँ तो क़रार आए
तुम्हारा दर्द सीने में छुपा लूँ तो क़रार आए
वो हर शय जो तुम्हें दुःख दे मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है

शरीक ए ज़िंदगी को क्यूँ शरीक ए ग़म नहीं करते
दुखों को बाँट कर क्यूँ इन दुखों को कम नहीं करते
तड़प इस दिल की थोड़ी सी मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है

इन आँखों में ना अब मुझको कभी आँसूँ नज़र आए
सदा हँसती रहे आँखें सदा ये होंठ मुस्काये
मुझे अपनी सभी आहें सभी दर्द ओ अलम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है
मुझे सब अपने ग़म दे दो
इन आँखों का हर इक आँसू
मुझे मेरी क़सम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है

Wissenswertes über das Lied Agar Mujhse Mohabbat Hai [Revival] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Agar Mujhse Mohabbat Hai [Revival]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Agar Mujhse Mohabbat Hai [Revival]” von Lata Mangeshkar wurde von Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan komponiert.

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