Apne Huye Paraye

Shailendra

अपने अपने हुए पराए, किस्मत ने क्या दिन दिखलाए
कुछ सोचो और कुछ हो जाए, हाए रे धीरज कों बँधाए
अपने अपने हुए पराए, किस्मत ने क्या दिन दिखलाए
कुछ सोचो और कुछ हो जाए, हाए रे धीरज कों बँधाए
अपने अपने हुए पराए

घाम की जो तक़दीर ना होती, जो इतनी बेकीर ना होती
दिल पर इतना बोझ ना होता, पैरो मे जंजीर ना होती
अपने अपने हुए पराए, किस्मत ने क्या दिन दिखलाए
कुछ सोचो और कुछ हो जाए, हाए रे धीरज कों बँधाए
अपने अपने हुए पराए

जिन रहो से कोई ना आए, बैठे उनपे नैना बिछाए
दिन नादान कहे जाता है, शायद वो शायद लौट आए
अपने अपने हुए पराए

कौन है हम क्यू जाने कोई, अपना हमे क्यू माने कोई
बेहतर है इश बदहाली मे, अब ना पहचाने कोई
अपने अपने हुए पराए, किस्मत ने क्या दिन दिखलाए
कुछ सोचो और कुछ हो जाए, हाए रे धीरज कों बँधाए
अपने अपने हुए पराए

Wissenswertes über das Lied Apne Huye Paraye von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Apne Huye Paraye” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Apne Huye Paraye” von Lata Mangeshkar wurde von Shailendra komponiert.

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