Badli Hai Zamane Ki Nazar

Anand Bakshi

बदली है ज़माने की नज़र देखिये क्या हो
बदली है ज़माने की नज़र देखिये क्या हो
होना तो है कुछ आज मगर देखिये क्या हो
होना तो है कुछ आज मगर देखिये क्या हो
बदली है ज़माने की नज़र

ये रात तो दिलकश थी बड़े खुश थे सितारे
तुम पास हमारे थे तो हम पास तुम्हारे
अब आयी है नजदीक सहर देखिये क्या हो
होना तो है कुछ आज मगर देखिये क्या हो
होना तो है कुछ आज मगर देखिये क्या हो
बदली है ज़माने की नज़र

ये कश्ती चली जाती थी मौजो के सहारे
सोचा था पहुच जायेंगे एक रोज़ किनारे
पर सामने आया है भवर देखिये क्या हो
होना तो है कुछ आज मगर देखिये क्या हो
होना तो है कुछ आज मगर देखिये क्या हो
बदली है ज़माने की नज़र

मुश्किल में सभी देते है उस दर पे सदाए
सुनते है के सुनता है खुदा सबकी दुआएं
मगर अपनी दुआओं का असर देखिये क्या हो
होना तो है कुछ आज मगर देखिये क्या हो
होना तो है कुछ आज मगर देखिये क्या हो
बदली है ज़माने की नज़र

Wissenswertes über das Lied Badli Hai Zamane Ki Nazar von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Badli Hai Zamane Ki Nazar” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Badli Hai Zamane Ki Nazar” von Lata Mangeshkar wurde von Anand Bakshi komponiert.

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