Bulati Hai Bahar Chale Hum Dono
बुलाती है बहार, चले हम दोनों, ओहो ओहो
कोयल बोले कुहू कुहू कुहू, पपीहा कहे पीहू पीहू पीहू
बुलाती है बहार, चले हम दोनों, ओहो ओहो
कोयल बोले कुहू कुहू कुहू, पपीहा कहे पीहू पीहू पीहू
बुलाती है बहार
अंबुवा की डाली-डाली न जाने क्यूँ झुकती जाए
चंचल हवा का झोंका संदेसा जाने किसका लाए
भँवरों की टोली घूमे, कलियों के मुखड़े चूमे
भँवरों की टोली घूमे, कलियों के मुखड़े चूमे
बुलाती है बहार, चले हम दोनों, ओहो ओहो
कोयल बोले कुहू कुहू कुहू, पपीहा कहे पीहू पीहू पीहू
बुलाती है बहार
रातों के सपने, दिन में कमल बन जल में फूले
कैसी सुहानी राहें कि राही मंज़िल को भूले
पेड़ों की छैँया खींचे, चुपके से आँखे मीचे
पेड़ों की छैँया खींचे, चुपके से आँखे मीचे
बुलाती है बहार, चले हम दोनों, ओहो ओहो
कोयल बोले कुहू कुहू कुहू, पपीहा कहे पीहू पीहू पीहू
बुलाती है बहार, चले हम दोनों, ओहो ओहो
कोयल बोले कुहू कुहू कुहू, पपीहा कहे पीहू पीहू पीहू
बुलाती है बहार बुलाती है बहार
बुलाती है बहार