Chand Jane Kahan
चांद जाने कहाँ खो गया
चांद जाने कहाँ खो गया
तुमको चेहरे से परदा हटाना न था
चांदनी को ये क्या हो गया
चांदनी को ये क्या हो गया
तुमको भी इस तरह मुस्कुराना न था
चांद जाने कहाँ खो गया
प्यार कितना जवां रात कितनी हसीं
आज चलते हुए थम गई है ज़मीन
थम गई है ज़मीन
आँख तारें झपकने लगे
आँख तारें झपकने लगे
ऐसी उल्फ़त का जादू जगाना न था
चांद जाने कहाँ खो गया
प्यार में बेख़बर हम कहाँ आ गये
मेरी आँखों में सपने से क्यों छा गये
प्यार में बेख़बर हम कहाँ आ गये
मेरी आँखों में सपने से क्यों छा गये
क्यों छा गये
दो दिलों की है मंज़िल यहाँ
दो दिलों की है मंज़िल यहाँ
तुम न आते तो हमको भी आना न था
तुमको भी इस तरह मुस्कुराना न था
चांद जाने कहाँ खो गया(चांद जाने कहाँ खो गया)
चांद जाने कहाँ खो गया(चांद जाने कहाँ खो गया)