Chandan Ki Nayyaa Pe Ho Ke Savaar Gori
चंदन की नैया पे
हो के सवार गोरी
कर के शृंगार
देखो चली उस पार
देखो चली उस पार
चंदन की नैया पे
हो के सवार गोरी
कर के शृंगार
देखो चली उस पार
देखो चली उस पार
चंदन की नैया पे
दिल में उमंग लिए
आखियों में रंग लिए
नैना झुकाए
चली है कहाँ
हाथों मे हार ले के
नैनो में प्यार ले के
गोरी के साजन
खड़े हैं जहाँ
गोरी के साजन
खड़े हैं जहाँ
अपने बालमवा की
सुन के पुकार गोरी
कर के शृंगार
देखो चली उस पार
देखो चली उस पार
चंदन की नैया पे
हो के सवार गोरी
कर के शृंगार
देखो चली उस पार
देखो चली उस पार
चंदन की नैया पे
सपनो में खोई खोई
दिन को भी सोइ सोइ
रात कटे साथ साये सभी
जिया मजबूर हुआ
कुछ तो जरूर हुआ
कहे को हँसे छुपाये सभी
कहे को हँसे छुपाये सभी
नैना गुरुर कहीं हो गए चार कहीं
कर के शृंगार
देखो चली उस पार
देखो चली उस पार
चंदन की नैया पे
हो के सवार गोरी
कर के शृंगार
देखो चली उस पार
देखो चली उस पार
चंदन की नैया पे
दूर नगर पी का
हाल बुरा जी का
रह रह के शोर
मचाए जिया
दूर नगर पी का
हाल बुरा जी का
रह रह के शोर
मचाए जिया
खेल निराला खेला
दिल में लगाया मेला
पचछटाए अब
गोरी यह क्या किया
हँसी हँसी में
कैसी हो गयी हार गोरी
कर के शृंगार
देखो चली उस पार
देखो चली उस पार
चंदन की नैया पे
हो के सवार गोरी
कर के शृंगार
देखो चली उस पार
देखो चली उस पार चंदन की नैया पे