Dil Ki Girah Khol Do

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

दिल की गिरह खोल दो
चूप न बैठो कोई गीत गाओ
दिल की गिरह खोल दो
चूप न बैठो कोई गीत गाओ
आ आ आ आ
महफिल में अब कौन है अजनबी
तुम मेरे पास आओ
दिल की गिरह खोल दो
चूप न बैठो कोई गीत गाओ

मिलने दो अब दिल से दिल को
मिटने दो मजबूरियों को
शीशे में अपने डुबो दो
सब फसलो दूरियों को
आँखों में मई मुस्कुराऊँ
तुम्हारी जो तुम मुस्कुराओ
आ आ आ आ
महफिल में अब कौन है अजनबी
तुम मेरे पास आओ
दिल की गिरह खोल दो
चूप न बैठो कोई गीत गाओ

हम तुम न हम तुम रहे अब
कुछ और ही हो गए अब
सपनोंकी झिलमिल नगर में
जाने कहा खो गए अब
हमराह पूछे किसी से
न तुम अपनी मंजिल बताओ
आ आ आ आ
महफिल में अब कौन है अजनबी
तुम मेरे पास आओ
दिल की गिरह खोल दो
चूप न बैठो कोई गीत गाओ

कल हमसे पूछे न कोई
क्या हो गया था तुम्हे कल
मुड़कर नहीं देखते हम
दिल में कहा है चला चल
जो दूर पीछे कही रह गए
अब उन्हें मत बुलाओ
आ आ आ आ
महफिल में अब कौन है अजनबी
तुम मेरे पास आओ
दिल की गिरह खोल दो
चूप न बैठो कोई गीत गाओ

Wissenswertes über das Lied Dil Ki Girah Khol Do von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Dil Ki Girah Khol Do” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Dil Ki Girah Khol Do” von Lata Mangeshkar wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan komponiert.

Beliebteste Lieder von Lata Mangeshkar

Andere Künstler von Film score