Ghar Yahan Basane Aaye The
घर यहाँ बसाने आए थे
हम घर ही छोड़ चले
हम घर ही छोड़ चले
घर यहाँ बसाने आए थे
अपना था जिन्हें समझा हमने
वो भी दिल तोड़ चले
हम घर ही छोड़ चले
घर यहाँ बसाने आए थे
सोचा था सजन आएँगे, आएँगे बहारे लाएँगे
हम एक चमन के दो पंछी बन जाएँगे
हम एक चमन के दो पंछी बन जाएँगे
संध्या की बेला द्वार पे आ कर वो मुँह मोड़ चले
हम घर ही छोड़ चले
घर यहाँ बसाने आए थे
जीवन में कभी इक प्यार का दीपक जलता था
मिलने के लिए दिल घुल-घुल के मचलता था
मिलने के लिए दिल घुल-घुल के मचलता था
जब साथ पतंगा छोड़ दिया
जब साथ पतंगा छोड़ दिया
तो दिया अकेले जले
हम घर ही छोड़ चले
घर यहाँ बसाने आए थे