Gori Ke Haath Mein

MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN

गोरी के हाथ में जैसे ये छल्ला
ऐसी हो क़िसमत मेरी भी अल्लाह
गोरी के हाथ में गोरी के हाथ में
जैसे ये छल्ला जैसे ये छल्ला
ऐसी हो क़िसमत मेरी भी अल्लाह
छूने न दूँगी उँगली मैं बाबू
बन जाओ चाहे चाँदी का छल्ला
छूने न दूँगी छूने न दूँगी
उँगली मैं बाबू उँगली मैं बाबू
बन जाओ चाहे रे चाँदी का छल्ला

जा रे जा रे हाथ को हमारे
हाथ लगा ना हो दिल्लगी ना समझना
कोई लुटे कोई मर मिटे जग हो दीवाना
हो मैं जो बनूँ तेरा गहना
तू जो बने गहना सँवरना छोड़ दूँ
मोहे तू सजाये तो दरपन तोड़ दूँ
हो ऐसा ग़ुस्सा भई रे वल्लाह
गोरी के हाथ में जैसे ये छल्ला
ऐसी हो क़िसमत मेरी भी अल्लाह
छूने न दूँगी छूने न दूँगी
उँगली मैं बाबू उँगली मैं बाबू
बन जाओ चाहे चाँदी का छल्ला

चाहूँ तुझे डोली में बिठा के कहीं ले जाऊँ
ए हाय सोच में पड़ गई क्या
जो मैं तेरी दुलहनिया बनूँ घूँघटा जला दूँ
ओ हाय ये मैं कह गई क्या
जो मैं चाहूँ रे तू भी वो ही चाहे
फिर तू ज़ालिम सताये मुझे काहे
हो जा-जा इतना तू ना चिल्ला
छूने न दूँगी उँगली मैं बाबू
बन जाओ चाहें चाँदी का छल्ला
गोरी के हाथ में गोरी के हाथ में
जैसे ये छल्ला जैसे ये छल्ला
ऐसी हो क़िसमत मेरी भी अल्लाह
छूने न दूँगी छूने न दूँगी
उँगली मैं बाबू उँगली मैं बाबू
बन जाओ चाहे रे चाँदी का छल्ला

Wissenswertes über das Lied Gori Ke Haath Mein von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Gori Ke Haath Mein” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Gori Ke Haath Mein” von Lata Mangeshkar wurde von MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN komponiert.

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