Hans Hanske Hasinon Se Nazar

C Ramchandra, Jan Nishar Akhtar

हस हस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उससे प्यार किये जा
हस हस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा

ये ज़ुल्फ़ ये आबरू ये लचकती हुई बाहे
बिजली सी गिरती हुई खामोश निगाहें
ये ज़ुल्फ़ ये आबरू ये लचकती हुई बाहे
बिजली सी गिराती हुई खामोश निगाहें
है ताक़त-ए-दीदार तो दीदार किये जा
हस हस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उससे प्यार किये जा
हस हस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा

लाज़िम है मोहब्बत में लगावट भी अदा भी
उल्फत में मिले कुछ तो तड़पने का मज़ा भी
लाज़िम है मोहब्बत में लगावट भी अदा भी
उल्फत में मिले कुछ तो तड़पने का मज़ा भी
इक़रार किये जा कभी इंकार किये जा
हस हस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उससे प्यार किये जा
हस हस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा

हर एक अदा हुस्न की आँखों में बसा ले
सीने में ज़रा इश्क़ का तूफ़ान जगा ले
सोई हुई तकदीर को बेदार किये जा
हस हस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उससे प्यार किये जा
हस हस के हसीनों से नज़र चार किये जा
जो भी करे प्यार उसे प्यार किये जा

Wissenswertes über das Lied Hans Hanske Hasinon Se Nazar von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Hans Hanske Hasinon Se Nazar” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Hans Hanske Hasinon Se Nazar” von Lata Mangeshkar wurde von C Ramchandra, Jan Nishar Akhtar komponiert.

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