Hawa Khamosh Hain

Mahendra Pran

हवा खामोश है और चुप हैं सितारे
सिसक कर सो गए हैं अरमान हमारे

न बाज़ आया मुक़द्दर मुझे मिटाने से
न बाज़ आया मुक़द्दर मुझे मिटाने से
भरी बहार में हुन दूर आशियाने से
भरी बहार में हुन दूर आशियाने से
न बाज़ आया मुक़द्दर मुझे मिटाने से

कुसूर उनका ना मेरी खता
न दुनिया की ना दुनिया की
मिट गयी खुद ही में मिटाने के एक बहाने से
मिट गयी खुद ही में मिटाने के एक बहाने से
न बाज़ आया मुक़द्दर मुझे मिटाने से
न बाज़ आया मुक़द्दर मुझे मिटाने से

बुझी न प्यास मेरी बुझी ना प्यास मेरी
पी के देख ली हर शाई, पी के देख ली शाई
प्यासी ही लौट चली मैं भरे मैखाने से
प्यासी ही लौट चली मैं भरे मैखाने से
न बाज़ आया मुक़द्दर मुझे मिटाने से
भरी बहार में हुन दूर आशियाने से
न बाज़ आया मुक़द्दर मुझे मिटाने से.

Wissenswertes über das Lied Hawa Khamosh Hain von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Hawa Khamosh Hain” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Hawa Khamosh Hain” von Lata Mangeshkar wurde von Mahendra Pran komponiert.

Beliebteste Lieder von Lata Mangeshkar

Andere Künstler von Film score