Holi Ke Din

ANAND BAKSHI, R. D. BURMAN

चलो सहेली, चलो सहेली
चलो रे साथी चलो रे साथी

ऐ पकड़ो-पकड़ो पकड़ो-पकड़ो पकड़ो-पकड़ो रे इसे न छोड़ो
अ रा रा रा बैंया न तोड़ो ओय ज़रा ठहर जा भाभी, अरे जा रे सराबी
क्या ओ राजा, गली में आजा होली - होली, भांग की गोली
ओ नखरे वाली, दूँगी मैं गाली अरे रामू की साली, होली रे होली

होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं
गीले शिकवे भूल के दोस्तों दुश्मन भी गले मिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं

होली है

गोरी तेरे रंग जैसा थोडासा में रंग बना लूँ
आ तेरे गुलाबी गालों से थोड़ा सा गुलाल चुरा लूँ
जा रे जा दीवाने तू होली के बहाने तू
जारे जा दीवाने तू होली के बहाने तू
छेड़ ना मुझे बेसरम
पूछ ले ज़माने से ऐसे ही बहाने से लिए और दिए दिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं

हो ओ हो हो ओ हो हो ओ हो (हो ओ हो हो ओ हो)

यही तेरी मर्जी है तो, अच्छा चल ले तू ख़ुश हो ले
पास आ के छूना ना मुझे, चाहे मुझे दूर से भिगो ले
हीरे की कनी है तू, मट्टी से बनी है तू, हीरे की कनी है तू, मट्टी से बनी है तू
छूने से जो टूट जाएगी
काँटों के छूने से, फूलों से नाजुक नाजुक बदन छिल जाते है
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं
गीले शिकवे भूल के दोस्तों दुश्मन भी गले मिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं

होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं (हे हे बुरारार्रा)
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं (हां हां हां आ अरे लगा रंग लगा अरे छोड़ना मत हां ही ही)
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं (अरे बचा हे हे हे बुरारार्रा हां हां हां)

Wissenswertes über das Lied Holi Ke Din von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Holi Ke Din” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Holi Ke Din” von Lata Mangeshkar wurde von ANAND BAKSHI, R. D. BURMAN komponiert.

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