Hui Ye Ham Se Naadaani

Shakeel Badayuni

हुई ये हम से नादानी तेरी महफिल में आ बैठे
हुई ये हम से नादानी तेरी महफिल में आ बैठे
ज़मीन की ख़ाक होकर आसमान से दिल लगा बैठे
तेरी महफिल में आ बैठे

हुआ खून-ए-तमन्ना इसका शिकवा क्या करे तुमसे
हुआ खून-ए-तमन्ना इसका शिकवा क्या करे तुमसे
हो शिकवा क्या करे तुमसे
न कुछ सोचा न कुछ समझा जिगर पर तीर खा बैठे
तेरी महफिल में आ बैठे

खबर क्या थी गुलिस्तान-ए-मुहब्बत में भी खतरे हैं
खबर क्या थी गुलिस्तान-ए-मुहब्बत में भी खतरे हैं
मुहब्बत में भी खतरे हैं
जहां गिरती है बिजली हम उसी डाली पे जा बैठे
तेरी महफिल में आ बैठे

ना क्यो अंजाम-ए-उल्फत देख कर आंसू निकल आए
हाय आंसू निकल आए
जहां को लुटने वाले खुद अपना घर लुटा बैठे
हुई ये हम से नादानी तेरी महफिल में आ बैठे
ज़मीन की ख़ाक होकर आसमान से दिल लगा बैठे
तेरी महफिल में आ बैठे

Wissenswertes über das Lied Hui Ye Ham Se Naadaani von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Hui Ye Ham Se Naadaani” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Hui Ye Ham Se Naadaani” von Lata Mangeshkar wurde von Shakeel Badayuni komponiert.

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