Hum Bhanti Ke Panchhi Hai

CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN

हम भाट भाट के पांच्ची है
पर बाग तो एक हमारा है
हम भाट भाट के पांच्ची है
पर बाग तो एक हमारा है
वो बाग है हिन्दुस्तान जो हमे
प्राणो से भी प्यारा है
हम भाट भाट के पांच्ची है

बाग वही है बाग के जिसमे
तरह तरह की कालिया हो
कही तरस के चंपा के हो
कही गुलाबी गलिया हो
कोई पहेली कही नही है
सीधा साफ ये चारा है
हम भाट भाट के पांच्ची है
पर बाग तो एक हमारा है
वो बाग है हिन्दुस्तान जो हमे
प्राणो से भी प्यारा है
हम भाट भाट के पांच्ची है

बड़ी खुशी से तिगड़े तिगड़े बोलो जी
बड़ी खुशी से तिगड़े तिगड़े बोलो जी
लेकिन दिल मे गिरा जो बँधे
है वो पहले खोलो जी
सुर में चाहे फराक हो फिर भी
एक तारा एक तारा है
हम भाट भाट के पांच्ची है

पंजाबी या बंगाली
मद्राशि या गुजराती हो
प्रीत की एक बारात है ये
प्रीत की एक बारात है ये
तू सब के सब कैलषी हो
भेष या बोली कुच्छ भी हो
हम सब एक शमा के परवाने
आपस में तकरार करे
हम ऐसे तो नही दीवाने
मंदिर मस्ज़िद गिरज़ा अपना
अपना ही गुर्दुवारा है
हम भाट भाट के पांच्ची है
पर बाग तो एक हमारा है
वो बाग है हिन्दुस्तान जो हमे
प्राणो से भी प्यारा है
हम भाट भाट के पांच्ची है.

Wissenswertes über das Lied Hum Bhanti Ke Panchhi Hai von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Hum Bhanti Ke Panchhi Hai” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Hum Bhanti Ke Panchhi Hai” von Lata Mangeshkar wurde von CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN komponiert.

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