Hum Dono Do Premi [LP Classics]

ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN

हम दोनो दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्मे तोड़ चले
ऐ बाबू कहाँ चल पड़े
हम दोनो दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्मे तोड़ चले
ओ बाबूल की आए मोहे याद
जाने क्या हो अब इस के बाद
हम दोनो दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्मे तोड़ चले

गाड़ी से कह दो चले तेज मंज़िल है दूर
थोड़ा सफ़र का मज़ा लिजिए ऐ हुजूर
गाड़ी से कह दो चले तेज मंज़िल है दूर
अरे थोड़ा सफ़र का मज़ा लिजिए ऐ हुजूर
ओ देखो ना छेड़ो इस तरह
रस्ता कटे फिर किस तरह
हम दोनो दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्मे तोड़ चले

ओ बाबूल की आए मोहे याद (हुम्नाक हुम्नाक)

जाना कहाँ है बता उस शहर का नाम
ले चल जहाँ तेरी मर्ज़ी ये तेरा है काम
अरे जाना कहाँ है बता उस शहर का नाम
ले चल जहाँ तेरी मर्ज़ी ये तेरा है काम
मुझ पे है इतना ऐतबार
मैने किया है तुम से प्यार
हम दोनो दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्मे तोड़ चले

ऐ क्या सोच रही हो
कौन मैं हाँ हाँ
कुछ भी तोह नहीं
बोलो ना कुछ तोह

ऐसा न हो तू कभी छोड़ दे मेरा साथ
फिर न कभी कहना दिल तोड़नेवाली बात
ऐसा न हो तू कभी छोड़ दे मेरा साथ
अरे फिर न कभी कहना दिल तोड़नेवाली बात
ओ मैने तो की थी दिल्लगी अच्छा
मैने भी की थी दिल्लगी
हम दोनो दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्मे तोड़ चले
हम दोनो दो प्रेमी
हम दोनो दो प्रेमी
हम दोनो दो प्रेमी
हम दोनो दो प्रेमी

Wissenswertes über das Lied Hum Dono Do Premi [LP Classics] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Hum Dono Do Premi [LP Classics]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Hum Dono Do Premi [LP Classics]” von Lata Mangeshkar wurde von ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN komponiert.

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