Humsafar Mere Humsafar

GULZAR, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

हमसफ़र मेरे हमसफ़र
पंख तुम परवाज़ हम
ज़िंदगी का साज़ हो तुम
साज़ की आवाज़ हम

हमसफ़र मेरे हमसफ़र
पंख तुम परवाज़ हम
ज़िंदगी का गीत हो तुम
गीत का अंदाज़ हम
हमसफ़र मेरे हमसफ़र(हमसफ़र मेरे हमसफ़र)

आँख ने शरमा के कह दी
दिल के शरमाने की बात

एक दीवानी ने सुनली
दूजे दीवाने की बात

प्यार की तुम इंतहा हो
प्यार की आग़ाज़ हम
प्यार की आग़ाज़ हम

हमसफ़र मेरे हमसफ़र
पंख तुम परवाज़ हम

ज़िंदगी का गीत हो तुम
गीत का अंदाज़ हम
हमसफ़र मेरे हमसफ़र(हमसफ़र मेरे हमसफ़र)

ज़िक्र हो अब आसमा का
या ज़मीं की बात हो

खत्म होती है तुम्हीं पर
अब कहीं की बात हो

हो हसीं तुम, महजबीं तुम
नाज़नी तुम नाज़ हम
नाज़नी तुम नाज़ हम

हमसफ़र मेरे हमसफ़र
पंख तुम परवाज़ हम
ज़िंदगी का साज़ हो तुम
साज़ की आवाज़ हम
हमसफ़र मेरे हमसफ़र(हमसफ़र मेरे हमसफ़र)
पंख तुम परवाज़ हम (पंख तुम परवाज़ हम)
ज़िंदगी का साज़ हो तुम (ज़िंदगी का साज़ हो तुम)
साज़ की आवाज़ हम (साज़ की आवाज़ हम)
हमसफ़र मेरे हमसफ़र(हमसफ़र मेरे हमसफ़र)

Wissenswertes über das Lied Humsafar Mere Humsafar von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Humsafar Mere Humsafar” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Humsafar Mere Humsafar” von Lata Mangeshkar wurde von GULZAR, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH komponiert.

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