Ja Aur Kahin Ro Shehnai
जा ओर कही रो शहनाई
जा ओर कही रो शहनाई
अब मई हू ओर मेरी तन्हाई
जा ओर कही रो शहनाई
आँख लगेगी रोते रोते
जाग पड़ी फिर सोते सोते
आँख लगेगी रोते रोते
जाग पड़ी फिर सोते सोते
याद आगाई अपनी रषवाई
जा ओर कही रो शहनाई
आते जाते देख बरते
शरमाई विरहन की रते
आते जाते देख बरते
शरमाई विरहन की रते
पर वरण तू ना शरमाई
जा ओर कही रो शहनाई
बिन चंदा के मई हू चन्दनिया
माँग है सुनी ओर दुल्हनिया
बिन चंदा के मई हू चन्दनिया
माँग है सुनी ओर दुल्हनिया
देखी किसने मेरी अंगड़ाई
जा ओर कही रो शहनाई
अब मई हू ओर मेरी तन्हाई
जा ओर कही रो शहनाई.