Janam Janam Ka Saath Hai

M. G. HASHMAT, JUGAL KISHORE-TILAKRAJ

जनम जनम का साथ था
तुम्हारा हमारा, तुम्हारा हमारा
जीवन साथी बनके तूने हमसे किया किनारा
जनम जनम का साथ था
तुम्हारा हमारा, तुम्हारा हमारा

ये रस्मो के बंधन कसमो की दीवारे
आ आ आ आ आ
ये रस्मो के बंधन कसमो की दीवारे
इनको तोड़के कैसे बाकी उमर गुजारे
इस उलझन मे उलझ रहा है मन क्यूँ आस का मारा
जनम जनम का साथ था
तुम्हारा हमारा, तुम्हारा हमारा

सारी दुनिया सोए नींद मुझे ना आए
आ आ आ आ आ
सारी दुनिया सोए नींद मुझे ना आए
रात के सुनेपन मे नैन मेरे भर आए
आँसू बनके क्यूँ आँखो से छलके प्यार तुम्हारा
जनम जनम का साथ था
तुम्हारा हमारा, तुम्हारा हमारा
जीवन साथी बनके तूने हमसे किया किनारा
जनम जनम का साथ था
तुम्हारा हमारा, तुम्हारा हमारा

Wissenswertes über das Lied Janam Janam Ka Saath Hai von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Janam Janam Ka Saath Hai” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Janam Janam Ka Saath Hai” von Lata Mangeshkar wurde von M. G. HASHMAT, JUGAL KISHORE-TILAKRAJ komponiert.

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