Jeene Ka Din Mar Jane Ka Mausam [Classic Revival]

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

ल ला ला ला ला आ आ
आ आ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ

जीने का दिन मर जाने का मौसम है इन नजारों में
इस दिल का क्या हाल करू ऐसी बहरो में

जीने का दिन मर जाने का मौसम है इन नजारों में
मै अपना क्या हाल करू कह दो इशारो में

छूने से मेरे सुर्ख़ लबो की कलिया
निखरी
ओ हो
जैसे
आ हाँ
खुल के

आज तलक दिल में जो दबे है अरमान
कह दो
हम्म म्म
सजना
हम्म म्म
खुल के

ला ला ला ला
चुपके से क्यों बात चले चाहत में मारो में

जीने का दिन मर जाने का मौसम है इन नजारों में
इस दिल का क्या हाल करू ऐसी बहरो में

आज मुझे देखे ये नज़ारे जैसे
हम्म म्म
मई हु
हम्म म्म
सुन्दर
हम्म म्म
सपना

आज तो ये गुल ये गुलज़ार ये शाखें
आहा
रोके
ला ला
चाहे
हम्म म्म
जितना

ला ला ला ला ला
तू नहीं लेगी मेरी नजर तुम तो हज़ारो में
जीने का दिन मर जाने का मौसम है इन नजारों में
मै अपना क्या हाल करू कह दो इशारो में

तुम हो लगी सिने से तो दिल की धड़कन
आहा
ठहरी
आहा
ठहरी
ओहो
जाए
डूब चली बाँहों मैं तुम्हारी साजन
हम्म म्म
तुम्हरे
हम्म म्म
साये
हम्म म्म
साये

ला ला ला ला ला ला
जैसे सूरज अम्बर के नीले किनारों मैं

जीने का दिन मर जाने का मौसम है इन नजारों में
मै अपना क्या हाल करू कह दो इशारो में
हम्म म्म
हम्म म्म
हम्म म्म
आहा
हम्म म्म
हम्म म्म
हम्म म्म

Wissenswertes über das Lied Jeene Ka Din Mar Jane Ka Mausam [Classic Revival] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Jeene Ka Din Mar Jane Ka Mausam [Classic Revival]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Jeene Ka Din Mar Jane Ka Mausam [Classic Revival]” von Lata Mangeshkar wurde von Majrooh Sultanpuri, R D Burman komponiert.

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