Jivan Ke Safar Me Rahi, Milte Hain Bichhad Jane Ko

Sahir Ludhianvi, Shailendra

ता रा रा ता रा रा ओ हो
आ आ जीवन के सफ़र मे राही मिलते है बिछड जाने को
और दे जाते है यादे तनहाई मे तड़पने को
रो रो के इन्ही राहों मे
खोना पड़ा एक अपने को ओ ओ
रो रो के इन्ही राहों मे
खोना पड़ा एक अपने को
हंस हंस के इन्ही राहो मे
अपनाया था बेगाने को
जीवन के सफ़र मे राही
मिलते हैं बिशड जाने को
और दे जाते हैं यादें
तन्हाई मे तड़पाने को

तुम अपनी नयी दुनिया मे
खो जाओ पराए बनकर आ आ आ
तुम अपनी नयी दुनिया मे
खो जाओ पराए बनकर
जी पाए तो हम जी लेंगे
मरने की सज़ा पाने के
जीवन के सफ़र मे राही
मिलते हैं बिच्छाद जाने को
और दे जाते हैं यादें
तन्हाई मे तड़पाने को

Wissenswertes über das Lied Jivan Ke Safar Me Rahi, Milte Hain Bichhad Jane Ko von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Jivan Ke Safar Me Rahi, Milte Hain Bichhad Jane Ko” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Jivan Ke Safar Me Rahi, Milte Hain Bichhad Jane Ko” von Lata Mangeshkar wurde von Sahir Ludhianvi, Shailendra komponiert.

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