Jo Main Janti [2]

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

मन साजन ने हर लीना
और तन दुनिया ने छीना
भला कहो अब कैसे बाजे
बिना तार के बिना

जो मैं जानती बिसरत हैं सैंया
जो मैं जानती बिसरत हैं सैंया
घूँघटा में आग लगा देती
घूँघटा में आग लगा देती
मैं लाज के बंधन तोड़ सखी
मैं लाज के बंधन तोड़ सखी
पिया प्यारे को अपने मना लेती
पिया प्यारे को अपने मना लेती

मेरे हार-सिंगार की रात गयी
पियू संग उमंग मेरी आज गयी
पियू संग उमंग मेरी आज गयी
घर आए ना मोरे साँवरिया
घर आए ना मोरे साँवरिया
मैं तो तन-मन उनपे ओ
मैं तो तन-मन उनपे लूटा देती
जो मैं जानती बिसरत हैं सैंया
घूँघटा में आग लगा देती

मोहे प्रीत की रीत ना भाई सखी
मैं बनके दुल्हन पछताई सखी
मैं बनके दुल्हन पछताई सखी
होती ना अगर दुनिया की शरम
होती ना अगर दुनिया की शरम
उन्हें भेज के पटियाँ ओ
उन्हें भेज के पटियाँ बुला लेती
जो मैं जानती बिसरत हैं सैंया
घूँघटा में आग लगा देती

Wissenswertes über das Lied Jo Main Janti [2] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Jo Main Janti [2]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Jo Main Janti [2]” von Lata Mangeshkar wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan komponiert.

Beliebteste Lieder von Lata Mangeshkar

Andere Künstler von Film score