Julm-E-Ulfut Pe Hamen Log [Revival]
आ आ आ आ
जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं
जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं
कैसे नादान हैं, शोलों को हवा देते हैं
कैसे नादान हैं
हमसे दीवाने कहीं तर के वफ़ा करते हैं
हमसे दीवाने कहीं तर के वफ़ा करते हैं
जान जाये कि रहे बात निभा देते हैं
जान जाये
आप दौलत के तराज़ू मैं दिलों को तौलें
आप दौलत के तराज़ू मैं दिलों को तौलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
हम मोहब्बत से
तख़्त क्या चीज़ है और लाल-ओ-जवाहर क्या है
तख़्त क्या चीज़ है और लाल-ओ-जवाहर क्या है
इश्क़ वाले तो खुदाई भी लुट देते हैं
इश्क़ वाले
हमने दिल दे भी दिया एहद-ए-वफ़ा ले भी लिया
हमने दिल दे भी दिया एहद-ए-वफ़ा ले भी लिया
आप अब शोख से देदें जो सज़ा देते हैं
जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं