Kaha Hai Unhone Yeh Raaz-E-Mohabbat

A, N, Roshan

कहा है उन्होंने
यह राज़ ए मोहब्बत
कसम है तुम्हे
तुम किसी से न कहना
किसी से न कहना
मेरी बेबसी यह
मेरे दिल की हालत
कसम है तुम्हे
तुम किसी से न कहना
किसी से न कहना
कहा है उन्होंने
यह राज़ ए मोहब्बत
कसम है तुम्हे
तुम किसी से न कहना
किसी से न कहना

कसम है उन्हें
ऐ मेरे हाकिम
तेरे राज़ हरदम
छुपाए रहूगी
आ आ आ आ मगर मेरी नज़रों
पे है तेरा जादू
मगर मेरी नज़रों
पे है तेरा जादू
की मुश्किल है अब
इनका खामोश रहना
किसी से न कहना
यह राज़ ए मोहब्बत
है किसी से न कहना
किसी से न कहना
कहा है उन्होंने
यह राज़ ए मोहब्बत
कसम है तुम्हे
तुम किसी से न कहना
किसी से न कहना

हा बड़ी बेसब्र
है मेरे दिल की मैना
जो चलती बहरो
क़यामत से पहले
हा मिली उनसे नजरे
हुआ दिल निशाना
मिली उनसे नजरे
हुआ दिल निशाना
ना काम आया मेरा वह
छुपके छुपके रहेना
किसी से न कहना
यह राज़ ए मोहब्बत
है किसी से न कहना
किसी से न कहना
कहा है उन्होंने
यह राज़ ए मोहब्बत
कसम है तुम्हे
तुम किसी से न कहना
किसी से न कहना
मेरी बेबसी यह
मेरे दिल की हालत
कसम है तुम्हे
तुम किसी से न कहना
किसी से न कहना

Wissenswertes über das Lied Kaha Hai Unhone Yeh Raaz-E-Mohabbat von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Kaha Hai Unhone Yeh Raaz-E-Mohabbat” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Kaha Hai Unhone Yeh Raaz-E-Mohabbat” von Lata Mangeshkar wurde von A, N, Roshan komponiert.

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