Kaha Ram Hai Ram Phir Srimukh Kabhi Na Kholo
सहारा आ आ आ आ आ आ
कहा राम हे राम कहा राम हे राम
कहा राम हे फिर सृिमुख कभी ना खोला
फिर सृिमुख कभी ना खोला
दीप दिया है दीर्घसमा ने मिट्टी का सांतोला
कहा राम हे राम कहा राम ह्र राम
नमस्कार तारीफ कोटि को किए र्हे सर बाँधे
दिगे ना तिल भर सेवा पाठ से सत्याग्रह व्रत साजे
मृत्यु दूत ने मृत्युंजय से
मृत्यु दूत ने मृत्युंजय से
क्यो ना हट बल टोला
दीप दिया है दीर्घसमा ने मिट्टी का सांतोला
कहा राम हे राम कहा राम हे राम
कहा राम हे राम कहा राम हे राम
रही जनार्दन जान की मूर्त मन के सिंहासन पर
कौन कर सका मूरत खंडित भारत का खंडन कर
पर्वत डोले कभी ना डोला
पर्वत डोले कभी ना डोला मंदिर हरीदी हिंडोला
दीप दिया है दीर्घसमा ने मिट्टी का सांतोला
कहा राम हे राम कहा राम हे राम
कहा राम हे राम कहा राम हे राम(कहा राम हे राम कहा राम हे राम)
कहा राम हे राम कहा राम हे राम(कहा राम हे राम कहा राम हे राम)