Kahe Nainon Men Kajra Bharo

Prem Dhawan

काहे नैनो में कजरा भरो
काहे नैनों में कजरा भरो
इतनी हसीन नहीं
गोरी जितना गुमान करो
इतनी हसीन नहीं
गोरी जितना गुमान करो

कोई जलता है जलता रहे आए
कोई जलता है जलता रहे
कजरा रे नैनों का
जादू चलता है चलता रहे
कजरा रे नैनों का
जादू चलता है चलता रहे

जादू नित नित चलता नहीं
जादू नित नित चलता नहीं
चड़ता हुआ सूरज
क्या शाम को ढलता नहीं
चड़ता हुवा सूरज
क्या शाम को ढलता नहीं

गया सूरज चाँद आया आ
गया सूरज चाँद आया
रात हो या दिन हो
रंग हुस्न का है च्चाया
रात हो आ दिन हो
रंग हुस्न का है च्चाया

कोई हमको बताए जी
कोई हमको बताए जी
हुस्न की क़ीमत क्या
जब कोई ना चाहे जी
हुस्न की क़ीमत क्या
जब कोई ना चाही जी

यहाँ लाखों हैं दीवाने
यहाँ लाखों हैं दीवाने
इक शमा जलते ही
सौ आते हैं परवाने
इक शमा जलते ही
सौ आटें हैं परवाने

चलो झगड़ा ही बीट गया आ
चलो झगड़ा ही बीट गया
प्रीत की रीत है ये
जो हरा वो जीत गया
प्रीत की रीत है ये
जो हरा वो जीत गया.

Wissenswertes über das Lied Kahe Nainon Men Kajra Bharo von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Kahe Nainon Men Kajra Bharo” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Kahe Nainon Men Kajra Bharo” von Lata Mangeshkar wurde von Prem Dhawan komponiert.

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