Kal Ke Chand Aaj Ke Sapne [2]

Ravi, SHAILENDRA

कल के चाँद आज के सपने
तुम को प्यार बहुत सा प्यार
कल के चाँद आज के सपने
तुम को प्यार बहुत सा प्यार
लाल तुम्हारे ही दम से
कल जगमग होगा यह संसार
कल के चाँद आज के सपने
तुम को प्यार बहुत सा प्यार

आँख मिचौली खेलेंगे
कल तुमसे आँगन मेरा
संग तुम्हारे लौट आएगा
रूठा बचपन मेरा
रूठा बचपन मेरा
अब्ब तुतलाकर बात करेंगे
यह दरवाजे यह दीवार
लाल तुम्हारे ही डैम से
कल जगमग होगा यह संसार
कल के चाँद आज के सपने
तुम को प्यार बहुत सा प्यार

नैन तुम्हारे चाँद और सूरज
नैन तुम्हारे चाँद और सूरज
फूल से जीवन ज्योति
सदा मेरे पलकों में रहना
मेरी मन्न की मोती
एक बार मैं कहने पर
हम न्यौच्छावर होंगे सौ बार
लाल तुम्हारे ही दम से
कल जगमग होगा यह संसार
कल के चाँद आज के सपने
तुम को प्यार बहुत सा प्यार

Wissenswertes über das Lied Kal Ke Chand Aaj Ke Sapne [2] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Kal Ke Chand Aaj Ke Sapne [2]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Kal Ke Chand Aaj Ke Sapne [2]” von Lata Mangeshkar wurde von Ravi, SHAILENDRA komponiert.

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