Kalpana Ke Dhan Baraste
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
कल्पना के घन बरसते
कल्पना के घन बरसते
गीत गीले हो रहे
भाव रिमझिम कर रहे हैं
भाव रिमझिम कर रहे हैं
स्वर रसीले हो रहे
कल्पना के घन बरसते
नाचतीं श्यामल घटाएँ थिरकती बरसात है
इक कहानी बनके आई ये सुहानी रात है
झूमता फिरता पवन
हो, झूमता फिरता पवन झोंके नशीले हो रहे
कल्पना के घन बरसते
किस प्रणय की आग में जल गीत गाता है पवन
गीत गाता है पवन
मांग भरता है दुल्हन की मोतियों से ये गगन
मोतियों से ये गगन
झुक रहे तेरे नयन
झुक रहे तेरे नयन
कितने न हीले हो रहे
कल्पना के घन बरसते
गीत गीले हो रहे
भाव रिमझिम कर रहे हैं
भाव रिमझिम कर रहे हैं
स्वर रसीले हो रहे
कल्पना के घन बरसते