Majabur Meri Aankhen Barabaad Meraa Dil Hai
मजबूर मेरी आँखे बरबाद मेरा दिल है
बिसार दिया हंसना रोना भी तो मुश्किल है
मजबूर मेरी आँखे बरबाद मेरा दिल है
ओ चाँद डूब जा तू क्यों मुस्कुरा रहा है
क्यूँ अपनी चाँदनी से बिजली गिरा रहा है
भटका हुआ है राही खोई हुई मज़िल है
मजबूर मेरी आँखे बरबाद मेरा दिल है
रोरो कर आंसूओ को पलकों में ही छुपाये
फ़रियाद टूटे दिल की कैसे जबा पे लाये
रुखसक्त लिए परवाने बिक्री हुई महफ़िल है
मजबूर मेरी आँखे बरबाद मेरा दिल है