Mehfil Soyee

LAXMIKANT PYARELAL, RAJINDER KRISHAN

महफ़िल सोई ऐसा कोई
महफ़िल सोई ऐसा कोई
होगा कहाँ जो समझे ज़ुबान मेरी आँखों की
महफ़िल सोई ऐसा कोई
होगा कहाँ जो समझे ज़ुबान मेरी आँखों की
महफ़िल सोई

रात गाती हुई गुनगुनाती हुई
बीट जाएगी यूँ मुस्कुराति हुई
रात गाती हुई गुनगुनाती हुई
बीट जाएगी यूँ मुस्कुराति हुई
सुबह का समान पूछेगा कहाँ
गये मेहमान जो कल थे यहाँ

महफ़िल सोई ऐसा कोई
होगा कहाँ जो समझे ज़ुबान मेरी आँखों की
महफ़िल सोई

आज थम के ग़ज़र दे रहा है कबर
कौन जाने इधर आए ना सहर
आज थम के ग़ज़र दे रहा है कबर
कौन जाने इधर आए ना सहर
किसको पता ज़िंदगी है क्या
टूट हि गया साज़ हि तो था

महफ़िल सोई ऐसा कोई
होगा कहाँ जो समझे ज़ुबान मेरी आँखों कि
महफ़िल सोई

Wissenswertes über das Lied Mehfil Soyee von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Mehfil Soyee” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Mehfil Soyee” von Lata Mangeshkar wurde von LAXMIKANT PYARELAL, RAJINDER KRISHAN komponiert.

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