Murakh Man Kahe Hot Adheer

Ishwar Chandra Kapoor

मुर्ख मन्न काहे होत अधीर
मुर्ख मन्न काहे होत अधीर
रोके नहीं रुकत उन्ही के तीर
रोके नहीं रुकत उन्ही के तीर
मुर्ख मन्न काहे होत अधीर
मुर्ख मन्न काहे होत अधीर

पांचों पांडव की मैं भनी
पांचों पांडव की मैं भनी
भारत भूमि की पटरानी
भारत भूमि की पटरानी
भरी सफा में दुष्ट दुशा सं
भरी सफा में दुष्ट दुशा सं
खिचे वो चीयर
मुर्ख मन्न काहे होत अधीर
मुर्ख मन्न काहे होत अधीर

दशरथ पुत्र श्री राम चंदर जी
त्रिलोकी के नाथ
दशरथ पुत्र श्री राम चंदर जी
त्रिलोकी के नाथ
चौदह बरस तक बन बन भटके
चौदह बरस तक बन बन भटके
सिया लक्ष्मण के साथ
सिया लक्ष्मण के साथ
पग पग पर पर स्वास स्वास पर
पग पग पर पर स्वास स्वास पर
कड़ी थी उनको भीड़
मुर्ख मन्न काहे होत अधीर
मुर्ख मन्न काहे होत अधीर

Wissenswertes über das Lied Murakh Man Kahe Hot Adheer von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Murakh Man Kahe Hot Adheer” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Murakh Man Kahe Hot Adheer” von Lata Mangeshkar wurde von Ishwar Chandra Kapoor komponiert.

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