Nee Baliye Rut Hai Bahar Ki

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

नी बलिए रुत है बहार की
होये नी बलिए रुत है बहार की
ओये सुन चन वे रुत है बहार की
होये देखो आये वो लेके डोली प्यार की
कुछ मत पूछो कैसे बिती घड़िया इंतजार की
नी बलिए रुत है बहार की
सुन चन वे रुत है बहार की

आखिरी सुन ली मनमोहन ने मेरे मन की बोली हो
अब जाकार हमको पहचानी उनकी नजरे भोली
सखी घड़ी आ गई मेरे सिंगार की, सोलह सिंगार की
नी बलिए रुत है बहार की, सुन चनावे रुत है बहार की
कुछ मत पूछो कैसे बिती घड़िया इंतजार की
होये नी बलिए रुत है बहार की
सुन चन वे रुत है बहार की

दिल ने कहा तेरा सपना झूठा मैंने कहा सच होगा हो हो
हम पहले दिन जान गए थे कैसे क्या कब होगा
सुन लो ये सरगम ​​दिल के सितार की, दिल के सितार की
नी बलिए रुत है बहार की, सुन चनावे रुत है बहार की
कुछ मत पूछो कैसे बिती घड़िया इंतजार की
नी बलिए रुत है बहार की
सुन चन वे रुत है बहार की

रात रात भर सोचा तुमको कैसे पास बुलाउ
द्वार खड़े तुम लाज लगे अब समाने कैसे आउ
कभी इकरार की कभी इंकार की, कभी इंकार की
नी बलिए रुत है बहार की
सुन चन वे रुत है बहार की
कुछ मत पूछो कैसे बिती घड़िया इंतजार की
नी बलिए रुत है बहार की
सुन चन वे रुत है बहार की
नी बलिए रुत है बहार की
सुन चन वे रुत है बहार की
नी बलिए रुत है बहार की
सुन चन वे रुत है बहार की
नी बलिए रुत है बहार की
सुन चन वे रुत है बहार की

Wissenswertes über das Lied Nee Baliye Rut Hai Bahar Ki von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Nee Baliye Rut Hai Bahar Ki” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Nee Baliye Rut Hai Bahar Ki” von Lata Mangeshkar wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan komponiert.

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